Ansar Shaikh Success Story: अपने पिता के ऑटो-रिक्शा चलाने के साधारण व्यवसाय से लेकर सबसे कम उम्र के आईएएस अधिकारी बनने तक, उल्लेखनीय उपलब्धि की एक कहानी सामने आती है!

अंसार शेख की प्रेरणादायक यात्रा: भारत की विशाल टेपेस्ट्री में, कई व्यक्ति सामान्य या मध्यम वर्ग की पृष्ठभूमि से उभरते हैं, फिर भी वे अटूट दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत के माध्यम से अपना नाम बनाते हैं और अपने परिवार की स्थिति को ऊंचा करते हैं। आज, हम एक सम्मोहक सफलता की कहानी प्रस्तुत करते हैं, जहाँ एक युवक के पिता ने एक ऑटो-रिक्शा चालक के रूप में आजीविका अर्जित की।

उनके अलावा, यह लड़का बेहद गरीब पारिवारिक पृष्ठभूमि से था। इस हद तक कि उनके परिवार के पास उनकी शिक्षा का खर्च उठाने के लिए वित्तीय साधनों का अभाव था। फिर भी, यह लड़का अब हमारे देश का सबसे कम उम्र का आईएएस अधिकारी बनकर उभरा है। हम बात कर रहे हैं अंसार शेख की, जिन्होंने भारत के सबसे कम उम्र के आईएएस अधिकारी बनने की असाधारण उपलब्धि हासिल की है।

Ansar Shaikh Success Story
Ansar Shaikh Success Story

पहले ही प्रयास में बन गए IAS अफसर: Ansar Shaikh Success Story

हमारे देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास करके IAS और IPS बनने का सपना कई लाखो बच्चो का होता हैं, पर बहुत ही कम बच्चे इस परीक्षा को पास कर पाते हैं। इसके आलावा कई कोचिंग संस्थाए UPSC की तैयारी करवाने के लिए भी बहुत भारी भरकम फीस चार्ज करते हैं।

पर इन सब चीजों के बावजूद महाराष्ट्र के रहने वाले Ansar Shaikh पहले ही प्रयास में IAS अफसर बन गए हैं। Ansar Sheikh के शुरुवाती जीवन के बारे में बात करें तो ये एक बहुत ही गरीब परिवार से तालुक रखते थे, इनके घर में इतने भी पैसे नहीं थे कि इनका परिवार इन्हे सही से पढ़ाई करवा सके। पर इन चीजों के बावजूद Ansar ने अपने दोस्तों और अपने पार्ट टाइम इनकम की मदद से किसी तरह अपनी पढ़ाई जारी रखी और आखिर में UPSC सिविल सेवा परीक्षा को पहले ही प्रयास पास किया।

Ansar Sheikh ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा में 361 रैंक हासिल की और सिर्फ 21 साल की उम्र में देश के सबसे कम उम्र में बनने वाले IAS अफसर बन गए। इसके साथ ही आपको बता दें कि अंसार ने तीन साल अपने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की हैं जिस दौरान वह हर दिन 12 घंटे की नौकरी भी करते थे।

पिता चलाते थे ऑटोरिक्शा
Ansar Sheikh के परिवार के बारे में बात करे तो इनके पिता जी महाराष्ट्र में ही ऑटोरिक्शा चलाते थे, और इसी से जो भी कमाई हो जाए उसी से अपने परिवार का पालन पोषण करते थे। अंसार के पिता ने 3 शादिया की थी, जिसमे से अंसार इनकी दूसरी पत्नी से हैं। अंसार के परिवार में इनका एक छोटा भाई भी हैं और इनके छोटे भाई को भी पढ़ाई छोड़कर पैसे कमाने के लिए काम पर लगना पड़ गया था।

पूरा घर बहुत ज्यादा गरीबी से झूझ रहा था, पर फिर भी इन हालातो के बावजूद अंसार ने अपनी मेहनत जारी रखी और किसी न किसी तरह पढ़ाई करते हुए आज देश के सबसे युवा IAS अफसर बन गए।

समाज के लिए प्रेरणा का प्रतीक

आज, अंसार शेख पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में खड़े हैं, जिन्होंने घर पर प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने के बावजूद अपने पहले प्रयास में भारत की सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक को उत्तीर्ण किया है। जबकि कुछ उम्मीदवारों को कई प्रयास करने पड़ते हैं, केवल कुछ चुनिंदा लोग ही सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने में सफल होते हैं। अंसार की यात्रा दृढ़ता और दृढ़ संकल्प की शक्ति का उदाहरण देती है, जो हमें सिखाती है कि अटूट समर्पण के साथ, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किसी भी बाधा को दूर किया जा सकता है।

–Ansar Shaikh success story

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